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Monday, July 31, 2017

डिप्रेशन में दिल के लिए क्‍यों जरूरी है व्‍यायाम...


आज के व्‍यस्‍त जीवन में डिप्रेशन का शिकार हो जाता जैसी आम सी बात हो गई है। डिप्रेशन का शिकार लोग अक्‍सर तनहा और अकेला महसूस करते हैं उनका दिल कहीं नहीं लगता। लेकिन अवसाद ग्रस्त लोगों में दिल की बीमारी के खतरे भी बढ़ जाते हैं। ऐसे में इस खतरे को कम करने में व्यायाम अहम भूमिका निभाता है। 



दिल के लिए खतरा हो सकता है अवसाद

अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जरनल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, अवसाद के शिकार व्यक्ति में दिल की बीमारी होने का खतरा ज्‍यादा होता है। इस अध्ययन में कहा गया कि दिल के रोगी का और दूसरे हालात में अवसाद का शिकार बनने से घातक नजीते हो सकते हैं। अध्ययन में बताया गया कि अस्पताल में भर्ती वह 20 फीसदी मरीज, जिन्हें दिल का दौरा पड़ा हो, में अवसाद के लक्षण दिखाई देते हैं और हृदय रोगियों में आम आबादी के मुकाबले अवसाद होने का खतरा तीन गुना ज्‍यादा होता है। 
अमेरिका की एमोरी यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने दिल की बीमारियों और अवसाद के लक्षणों के बीच संबंध के बारे में ज्‍यादा अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने कुल 965 लोगों पर अध्ययन किया जो दिल के मरीज नहीं थे और जिन्हें किसी भी तरह की कोई गंभीर बीमारी नहीं थी।


व्यायाम से होता है लाभ


एमोरी क्लीनिकल कार्डियोवास्कुलर रिसर्च इंस्टीट्यूट के सह-निदेशक और प्रबंधन निदेशक अरशद कुयामी ने कहा, "हमारे अध्ययन के नतीजों से बिगड़ती अवसाद और दिल के जोखिम के बीच की कड़ी को उजागर किया है। इस शोध से यह भी पता चला है कि व्यायाम से दिल के मरीजों में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।"
कुयामी ने कहा, "ऐसे कई हृदय रोगी हैं, जो अवसाद से भी ग्रस्त हैं और हमें इस अध्ययन की जरूरत इसलिए भी थी, ताकि हम इन मरीजों को व्यायाम करने के प्रति जागरूक कर सकें।"
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Sunday, July 30, 2017

इस गंभीर बीमारी को जड़ से काटता है लाल प्याज

बड़े बुजुर्ग खाने में सलाद के तौर पर प्याज काटने की सलाह यूं ही नहीं देते हैं। दरअसल प्याज हमें कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देता है। प्याज शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और हमें रोग मुक्त करता है। प्याज के नियमित सेवन से हमारा शरीर एक कवच प्राप्त करता है। इसीलिए डॉक्टर खाने के साथ प्याज खाने की सलाह देते हैं। प्याज कैंसर के रोकथाम में भी सहायक है। यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर है। इसमें मौजूद विटामिन सी कैंसर की रोकथाम में मददगार होता है। हाल ही आई एक रिसर्च में साफ हुआ है कि लाल प्याज खाने से कैंसर होने का खतरा बहुत कम हो जाता है।


कनाडा में हुई इस रिसर्च के शोधकर्ताओं का कहना है 'हमने पाया है कि लाल प्याज में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो कैंसर के खात्मे के लिए जरूरी हैं। लाल प्याज के तत्व इतने सक्रिय होते हैं कि वे कैंसर कोशिकाओं को जड़ से खत्म करते हैं। साथ ही कैंसर की कोशिकाओं के लिए ऐसे प्रतिकूल वातावरण को बढ़ावा देते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के बीच संचार को बाधित करते हैं और इसे बढ़ने से रोकते हैं। इसके साथ ही लाल प्याज में मौजूद एंथोसायनिन क्विेरसिटिन अणुओं के स्कैविन्ज गुणों को समृद्ध करती है।
प्याज के गुण


प्याज सिर्फ खाने के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता बल्कि हमें कई रोगों से भी बचाता है। लाल त्याज के अलावा सफेद और गुलाबी प्याज भी हमें कई तरह के फायदे देते हैं। हालांकि लाल प्याज सेहत के लिए वरदान कहा जाता है। क्योंकि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को इतना अधिक बढ़ा देता है कि बीमारियों जल्दी होती ही नहीं है खासकर के कैंसर। इसके अलावा प्याज शरीर में अरुचि और अपच जैसी समस्याओं में भी फायदेमंद होता है।

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Friday, July 14, 2017

हार्ट अटैक के बाद इसलिए नहीं रहना चाहिए अकेले...

अच्छा खान-पान न होना और रोजाना सुबह-शाम एक्सरसाइज न करने से आपकी सेहत स्वस्थ नहीं रह पाती है। ये खान-पान ही तो है, जिसकी वजह से कम उम्र वाले लोगों को भी हार्ट अटैक की समस्या हो रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर किसी व्यक्ति को एक बार हार्ट अटैक होता है, तो उसको अकेला छोड़ने से कई समस्याएं पैदा हो सकता है। 



हार्ट अटैक के बाद व्यक्ति का अकेले रहना काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इससे अगले चार सालों में मौत का खतरा भी उसके ऊपर मंडरा सकता है। यह जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के. के. अग्रवाल ने दी है।

इसलिए नहीं छोड़ना चाहिए हार्ट अटैक वाले व्यक्ति को अकेले...

अमेरिकन जरनल ऑफ कार्डियोलॉजी में पब्लिश नई रिसर्चका हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दिल के दौरे के एक साल बाद मौत होने की संभावना अकेले रह रहे व्यक्ति की भी उतनी ही होती है जितनी किसी के साथ रह रहे पीड़ित की होती है। लेकिन अकेले रह रहे मरीज की चार सालों में मौत होने की संभावना 35 प्रतिशत ज्यादा हो जाती है। 

आईएमए के महासचिव डॉ. आरएन टंडन ने बताया कि सामाजिक सहयोग बीमारी पर गहरा प्रभाव डालता है। यह न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। परिवार और दोस्तों का सहयोग ऐसे मरीजों को तंदरुस्त होने और अच्छी जिंदगी जीने में मदद करता है। जो लोग अकेले रहते हैं उनके तंदुरुस्त होने में रुकावट आ जाती है, क्योंकि उन्हें दवाइयां लेने, बताए गए व्यायम करने के लिए प्रोत्साहन और चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाने के लिए जिस सहयोग की आवश्यकता होती है, वह उनके पास नहीं होता।
हार्ट अटैक वाले व्यक्ति को एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी होता है। उसके आस-पास मौजूद लोग उसको व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। यहां तक की उसकी दवाई का ध्यान रखते हुए उसके स्वास्थ्य का भी ख्याल रख सकते हैं। इसलिए हार्ट अटैक वाले व्यक्ति को कभी अकेला न छोड़ें।
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